खाने के साथ ही बैंगन के मेडिसनल गुण भी हैं। कई पारंपरिक और आधुनिक दवाओं में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
भारत में भी लगभग हर हिस्से में बैंगन (बैंगन) काफी मात्रा में होता है। बंगाल का बैगुन उपमा हो या फिर नॉर्थ का बैंगन भर्ता, बिहार का चोखा हो या फिर दक्षिण भारत में सांभर का स्वाद बढ़ाता है बैंगन।
- News18Hindi
- आखरी अपडेट:18 जनवरी, 2021, 10:51 AM IST
गर्म स्थानों पर इसका पैदावार ज्यादा होता है। भारत में भी लगभग हर हिस्से में बैंगन काफी हद तक जाता है। बंगाल का बैगुन उपमा हो या फिर नॉर्थ का बैंगन भर्ता, बिहार का चोखा हो या फिर दक्षिण भारत में सांभर का स्वाद बढ़ाता है बैंगन। ये सबके साथ बैंगन का अंचार और चटनी भी काफी क्षेत्रों में अंतराल जाता है। अपने खास अंजज के कारण ही इसे सब्जियों को राजा का खिताब मिला है। बैंगन विटामिन सी, के, बी 6, मैग्निशिअम, फॉस्फोरस, तांबा, फाइबर, फॉलिक एसिड, पोटेशियम और ऐसे ही कई गुणों से भरा हुआ है। हाई फाई के कारण यह खाना पचाने में मदद करता है।
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दिल की बीमारियों की अवस्था में भी बैंगन मददगार साबित होता है। इसके एंटीआक्सिडेंट्स कैंसर जैसे रोगों को रोकने में सक्षम हैं। साथ ही यह फ़ोन को भी मजबूत करता है। खाने के साथ ही बैंगन के मेडिसनल गुण भी हैं। कई पारंपरिक और आधुनिक दवाओं में इसका इस्तेमाल किया जाता है। यहाँ तक कि कई विशेष अवस्थाओं में बैंगन का प्रयोग वर्जित भी माना जाता है। जैसे कुछ स्थानों पर गर्भवती महिलाओं को बैंगन खाने से रोका जाता है।यह भी पढ़ें: छोटी सी दिखने वाली पुलचीनी सेहत पर ऐसा जादू है, इसमें ये 4 बड़े फायदे हैं
साथ ही अपने विशेष रंग के कारण भी बैंगन सब्जी में एक नया ही रंग डाल देता है। बैंगन के रंग से ही बैंगनी रंग का नाम पड़ा है। इसे आप अलग-अलग तरीके से खा सकते हैं। हमारे पड़ोसी देश चीन और श्रीलंका में बैंगन बहुत चाव से उत्स जाता है। हालांकि, कई लोगों को बैंगन से हर भी होता है। सब की स्थिति में बैंगन खाने से बचना चाहिए। साथ ही डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए।(अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी और सूचना सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। हिंदी समाचार 18 इनकी पुष्टि नहीं करता है। ये पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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