यह खाने में इतने हल्के होते हैं कि एक के बाद एक आदमी इसे खाता ही रहता है। मूंग दाल और मूली दोनों ही पेट के लिए बेतहर होते हैं इसलिए इसे काफी हेल्दी स्ट्रीट खाद्य माना जाता है। साथ ही इसे दिन में किसी भी लंबे समय जा सकता है यानी सुबह के नाश्ते के तौर पर भी और शाम को चाय के साथ भी। लाजपत नगर में रहने वाले सुरेश बताते हैं कि उस दिन में एक बार तो वो राम लड्डू खाते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि अब तो वह दिन के खाने के साथ या डिनर के साथ भी राम लड्डू खाते हैं। CPC में एक मुख्य कार्यालय में काम करने वाली संजना चावला का कहना है कि जब भी उन्हें हल्की भूख लगती है तो वह कार्यालय से नीचे उतरती हैं, झंडे में राम लड्डू के बारे में अपने डेस्क पर जाते हैं।
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राम लड्डू बनाना भी काफी आसान होता है। मूंग दाल को भिगो कर इसे दरदरा पीस लिया जाता है। फिर लाल मिर्च, हरी मिर्च, धनिया और हींग छान जाता है। नमक के साथ घोल तैयार होता है और फिर तल लिया जाता है। यह देखने में बिल्कुल लड्डू की तरह बनते हैं। मूली के लच्छों और हरी चटनी के बिना इसका गोका कभी पूरा नहीं होता। सबसे खास बात यह है कि यह नवीनतम ही तल कर ग्राहक को परोसा जाता है। राम लड्डू वैसे तो पूरी दिल्ली में प्रसिद्ध और उपलब्ध है लेकिन दक्षिणी दिल्ली के द्वीपों में बड़े स्वाद वाले मिलते हैं। अब आप चाहें लाजपत नगर में हों या फिर साकेत, आपको कई सारे खोमचे मिल जाएंगे। इनको देख ही लगता है कि लबालब खाना शुरू कर दो।
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