विघ्नहर्ता श्री गणेश: भगवान गणेश जी की पूजा का विशेष योग बना हुआ है। पंचांग के अनुसार 3 मार्च को चतुर्थी तिथि का समापन हो रहा है। सुबह के समय गणेश जी की पूजा का अच्छा योग बना हुआ है।
बुधवार के दिन गणेश पूजा का विशेष फल बताया गया है। गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा गया है। जिन लोगों के जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा बनी हुई है उनके लिए आज की पूजा विशेष फल देने वाली साबित हो सकती है।
राहु की अशुभता को दूर होता है
गणेश जी की पूजा करने से राहु की अशुभता को दूर किया जा सकता है। गणेश जी की पूजा करने से राहु के शुभ पैरों में वृद्धि होती है। इस चतुर्थी को अंगारक संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। पंचांग और ज्योतिष गणना के अनुसार वृष राशि में राहु और मंगल की युति से अंगारक योग बना हुआ है। इसलिए इस दिन गणेश जी की पूजा करने से इस योग के अशुभ प्रभावों को बहुत कम किया जा सकता है।
शिक्षा में आने वाली बाधा दूर होती है
भगवान गणेश जी को बुद्धि का दाता भी कहा गया है। गणेश जी का संबंध शिक्षा और ज्ञान से भी है। जिन लोगों के जीवन में शिक्षा संबंधी बाधा बनी हुई है उन्हें बुधवार को गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। साथ ही गणेश जी पूजा जॉब और करियर की बाधाओं को दूर करने में सहायक है। बुधवार के दिन प्रात: स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर गणेश जी की पूजा आरंभ करें। पूजा आरंभ करने से पूर्व दुर्वा घास और प्रिय चीजों का भोग लगता है। पूजा का समापन गणेश आरती से करें।