क्यों होते हैं ब्लाइंड पिंपल्सः
इस तरह के पिंपल्स सीबम (सीबम), बैक्टीरिया और गंध के एक साथ आपके रोम छिद्र में फंस जाने से पैदा होते हैं। इसकी वजह से आपकी त्वचा के नीचे एक दर्दनाक गांठ बन जाती है। हालांकि अन्य तरह के पिंपल्स की तरह इसका मुंह नहीं दिखता है। जब आप अपनी स्किन के नीचे सफेद सी जगह जो छूने से दर्द करते हैं और उसके आसपास की त्वचा में सूजन और लालिमा के लिए दिखे तो यह ब्लाइंड पिंपल होने का संकेत है।
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दबाने और फोडने से।:
आपको कभी भी ब्लाइंड पिंपल को दबाने और फोडने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। ये त्वचा की सतह पर नहीं होते हैं इसलिए अस्थिभंग में हेरना रिस्की हो सकती है। येसे जबरदस्त करने से चेहरे पर दाग पड़ सकते हैं।
गर्म दूसरा करें:
इस तरह के पिंप्लस से निजात पाने के लिए वॉर्म कंप्रेस (वार्म कंप्रेस) यानी गर्म सेंक भी एक मिश्रण है। इससे दर्द से ही राहत नहीं मिलती है लेकिन इनको बनने से रोकने में भी मदद मिलती है। दिन में केवल तीन या चार पर यह तरीका इस्तेमाल किया जाता है। इससे पिंपल से पस (पूस) को निकालने के साथ हीलिंग में भी मदद मिलती है। इस सेंक के लिए आप एक गर्म कपड़ा लें, उसे गर्म पानी में भिगोएँ निचोड़ ले और पिंपल पर लगाएं। लेकिन ये ध्यान रखें कि गर्म पानी आपकी स्किन की सहनशीलता के लायक ही गर्म होना चाहिए।
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पिंपलारे का उपयोग करें:
ब्लाइंड पिंपल से छुटकारा पाने के लिए आप पिंपल (पिंपल स्टिकर) का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह एक पट्टी की तरह ही होता है, जिसे आप इस तरह के एक्ने के ऊपर लगा सकते हैं। यह बैक्टीरिया, सीबम, और गंध को हटाने में मदद करता है। अक्सर सैलिसिलिक एसिड (सैलिसिलिक एसिड) होता है जो पिंपल्स को हटाने में मददगार होता है। यह आपको किसी भी मेडिकल की दुकान पर आसानी से मिल जाता है। उन्हें पिंपल के खत्म होने तक रोज़ लगा सकते हैं, लेकिन 24 घंटे में एक बार उन्हें मोड़ने से कोई नुकसान नहीं होगा।
औलायटिक पता:
हम सब जानते हैं कि डायस्टायोटिक्स (एंटीबायोटिक्स) किसी भी बैक्टीरिया से छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं। ब्लाइंड पिंपल के मामले में ये सूजन को बहुत कम करते हैं। इस तरह के पिंपल्स के लिए विशेषकर हर्बलायोटिक दवाओं में क्लिंडामाइसिन (क्लिंडामाइसिन) और एरिथ्रोमाइसिन (एरिथ्रोमाइसिन) इस्तेमाल किए जाते हैं। उन्हें दिन में दो बार लगाने की सलाह दी जाती है, लेकिन संवेदनशील त्वचा होने पर उन्हें केवल एक बार ही लगाना चाहिए।
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टी तड़ी ऑयल ढूँढें:
टी तड़ी ऑयल (चाय के पेड़ का तेल) तेज नमकायोटिक्स के विकल्प के तौर पर ब्लाइंड पिंपल्स के ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे डॉ की सलाह के बगैर भी आसानी से पिंपल्स पर लगाया जा सकता है। यह कोई भी नैचुरल हेल्थ स्टोर से लिया जा सकता है। इसके लिए लगभग 5 प्रतिशत टी तड़ी ऑयल वाले खादेक्ट का इस्तेमाल दिन में दो बार कर सकते हैं। लेकिन यह ध्यान रखें कि यह पतला होने के बाद ही प्रभावित स्थान पर लगता है। इसके लिए आप नारियल, जोजोबा और ओल का तेल मिला सकते हैं। पतला करने के बाद इसे रात के चेहरे पर लगाकर छोड़ दें।
बहुत अच्छा शहद:
कच्चा शहद एक प्राकृतिक विकल्प है। इसमें बैक्टीरिया को मारने और रोकने वाले गुण होते हैं। थोड़ा सा शुद्ध शहद ब्लाइंड पिंपल पर रात भर लगा कर छोड़ दें। इसे पानी के साथ मिलाकर क्लींजर की तरह भी लगा सकते हैं। इन तरीकों से भी आराम न आया तो तुरंत त्वचा रोग विशेषज्ञ (त्वचा विशेषज्ञ) को दिखाएं।(अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी और सूचना सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। हिंदी समाचार 18 इनकी पुष्टि नहीं करता है। ये पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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