चाणक्य नीति हिंदी: चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों मे की जाती है। आचार्य चाणक्य को कई महत्वपूर्ण विषयों की बहुत ही गहरी जानकारी थी। चाणक्य समाज शास्त्र, कूटनीति शास्त्र और शास्त्र के मर्मज्ञ थे। चाणक्य ने अपने ज्ञान और अनुभाव को चाणक्य नीति में दर्ज किया है। चाणक्य नीति व्यक्ति को जीवन में सफल बनाने के लिए प्रेरित करता है।
चाणक्य का मानना था कि संतान को यदि श्रेष्ठ और सफल बनाना है तो अभिभावकों को शुरुआत से ही ध्यान देना चाहिए। बच्चों का मन बहुत कोमल और जिज्ञासु होता है। बच्चे अपने आसपास की चीजों को बहुत ही सूक्ष्मता से देखते हैं और उन्हें सीखने का प्रयास करते हैं। इसलिए बच्चों को उचितान और संस्कारवान बनाना है तो माता पिता को बच्चों के सामने कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
संस्कार प्रदान करें
चाणक्य के अनुसार बच्चों को संस्कारवान बनाना चाहिए। जिस माता पिता के बच्चे संस्कारवान होते हैं वे इस धरती के सबसे खुशहाल अभिभावक होते हैं। बच्चों की पहली पाठशाला परिवार है। बच्चों को संस्कार घर से ही बच्चे को मिलते हैं। बच्चों के सामने माता पिता को सदैव उच्च आर्दश प्रस्तुत करना चाहिए। इस बात का सदैव ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे के माता-पिता की आदतों से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। घर के वातावरण का बच्चों के कोमल मन पर अधिक प्रभाव पड़ता है। चाणक्य के अनुसार बच्चों को संस्कार माता पिता से मिलते हैं। इसलिए माता-पिता को बच्चों के सामने ऐसा आचरण करना चाहिए जो सही और उचित हो। बच्चों के सामने माता-पिता को हमेशा सही और गलत का ध्यान रखना चाहिए। बच्चों के सामने गलत व्यवहार नहीं करना चाहिए और भाषा, वाणी का संयम और आचरण की श्रेष्ठता का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।
सत्य बोलने के लिए प्रेरित करें
चाणक्य के अनुसार बच्चों को सत्य के महत्व के बारे में बताना चाहिए। बच्चों में सत्य बोलने की आदत डालनी चाहिए। बच्चे जब झूठ बोलने लगते हैं तो माता पिता को तकलीफ होती हैं। इसलिए शुरुआत से ही बच्चों को सत्य बोलने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
महापुरुषों के बारे में बता रहे हैं
चाणक्य के अनुसार बच्चों को सदैव विद्वान और महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उनके जैसा बनने के लिए करना चाहिए।
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