चाणक्य नीति: आज भी आचार्य चाणक्य के बताए गए सिद्धांत प्रासंगिक हैं।
चाणक्य नीति (चाणक्य नीति): आचार्य चाणक्य (आचार्य चाणक्य) कहते हैं कि अत्यंत घमंड के कारण ही रावण का अंत हुआ। इसको तियाग देना चाहिए।
- News18Hindi
- आखरी अपडेट:26 जनवरी, 2021, सुबह 9:44 बजे IST
सुखी रहने को घमंड को तियागें
चाणक्य नीति कहती है कि अत्यंत घमंड के कारण ही रावण का अंत हुआ। इसी तरह अत्यधिक दान देने के कारण राजा बलि को बंधन में बंधना पड़ा। अतः सर्वत्र अति को त्यागना चाहिए।
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आचार्य चाणकय कहते हैं कि शक्तिशाली लोगों के लिए कोई कार्य कठिन नहीं है। वहीं व्यापारियों के लिए कोई जगह दूर नहीं है और इसी तरह विद्वानों के लिए कोई देश-विदेश नहीं है। इसी तरह मधुभाषियों का कोई शत्रु नहीं है।
ऐसे के लिए भोजन जहर समान
चाणक्य नीति के अनुसार जो आध्यात्मिक सीख का आचरण नहीं किया जाता है, वह के समान जहर है। इसी तरह जिस आहार का पेट ख़राब हो, उसके लिए भोजन जहर के समान है।
जिसमें दया नहीं उसे दूर करो
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति के पास धर्म और दया नहीं है, उसे दूर करना। जिस गुरु के पास आध्यात्मिक ज्ञान नहीं है, उसे दूर करना। जिस पत्नी के चेहरे पर हरदम घृणा है उसे दूर करो। जिन रिश्तेदारों के पास प्रेम नहीं है उन्हें दूर मत करो।
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भ्रमण व्यक्ति को बूढ़ा बनाता है
चाणक्य नीति के अनुसार लगातार भ्रमण करने वाले व्यक्ति को बुढ़ा बना देता है। अगर घोड़े को हरदम बांध कर रख रहे हैं, तो वह बुढ़ा हो जाता है। ऐसे ही धूप में रखने से कपडे़ पुराने हो जाते हैं। साभार / हिंदी साहित्य दर्पण (अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं। हिंदी समाचार 18 इनकी पुष्टि नहीं करता है। ये पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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