तिरंगा झुका नहीं सकता
न्यू कोड की धारा 2 में सभी निजी नागरिकों को अपने परिसरों में राश धवज फहराने का अधिकार देना शवीकर किया गया है। तिरंगे को कभी झुकाया नहीं जाता, न ही जमीन पर रखा जाता है। आदेश के बाद ही सरकारी भवनों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराया जा सकता है।
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झंडे की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3: 2 का होना चाहिए। इसके अलावा केसरिया रंग को नीचे की ओर करके ध्वज लगाया या फहराया नहीं जा सकता है।
इस बीच केवल फहराया जाएगा
इस धवज को किसी भी लाभ, पर्दें या वस्रतों के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता है। जहां तक संभव हो इसे मौसम से प्रभावित हुए बिना सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही तिरंगा फहराया जा सकता है।
भूमि से विनिमय नहीं करना चाहिए
इस धक्ज को आशय पूर्वक भूमि, फर्श या पानी से शपर्श नहीं किया जाना चाहिए। यह वाहनों के ऊपर और बगल या पीछे, रेलों, नावों या वायुयान पर लपेटा नहीं जा सकता।
अन्य धवज इससे ऊंचा न हो
भारतीय राशियाँ धवलज भारत के नागरिकों की आशाओं और आकांक्षाओं को दर्शाता है। यह हमारे रा माननीय का प्रतीक है। किसी अन्य धेवरज या धेवरज पट्ट को हमारे धेवरज से ऊंचे दर्जे पर लगाया नहीं जा सकता है।
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नुकसान नहीं पहुंचा
रा और धवज को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंच सकता। झंडे के किसी हिस्से को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसकी अपमान करने पर सजा और व्यंजनों दोनों हो सकते हैं। (अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी और सूचना सामान्य जानकारी पर आधारित हैं। हिंदी न्यूज़ 18 इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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