कोरोनाइरस
कोरोनावायरस ने क्या रोगियों के दिमाग को भी नुकसान पहुंचाया है? इसकी जाँच करने के लिए स्वीडन में उप्साला विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 19 लोगों के मस्तिष्कमेरु द्रव (मस्तिष्कमेरु द्रव) के नमूने लिए।
- News18Hindi
- आखरी अपडेट:21 जनवरी, 2021, 6:52 PM IST
यह स्टडी अप्रैल 2020 में शुरू की गयी थी, जिसमें स्वीडन के उप्साला विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की टीम शामिल थी। इसके अंकों के परिणाम हाल ही में पीएआर-रिव्यू यूरोपियन जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी में प्रकाशित हुए हैं। इस शोध में स्वीडन में शोधकर्ताओं ने कोरोना क्षमताओं को 19 लोगों के मस्तिष्कमेरु द्रव (सेरेब्रोस्पाइनल तरल पदार्थ) के नमूने लिए हैं। जांच में पाया गया कि इन रोगियों में भ्रम से लेकर कोमा तक के न्यूरोलॉजिकल लक्षण थे। जांच के दौरान आठ लोगों (42 प्रतिशत) की मानसिक स्थिति में बदलाव था और आठ को को विभाजित -19 के कारण सिरदर्द भी था।
शोधकर्ताओं ने स्टडी में लिखा है कि कोरोनावायरस के लिए जिम्मेदार सार्स कोव -2 (Sars-Cov-2) दिमाग को विकृत कर सकते हैं और शरीर के न्यूरॉन्स नेटवर्क को भी प्रभावित कर सकते हैं। । यह संरचना वास्तव में दिमागों में बहने वाली रहने वाले खून की नसों की सुरक्षा करती है और उसे किसी बाहरी हमले से बचाने की है। इससे पहले जीका वायरस के मामले में भी कहा गया था कि इससे दिमाग की कोशिकाओं को काफी नुकसान पहुंचता है।
दूसरी ओर, यूके और यूएस के शोधकर्ताओं की टीम ने भी एक शोध शुरू किया है, जिसमें यह देखा जा रहा है कि कोरोना संक्रमण से अल्जाइमर का खतरा बढ़ सकता है? हालाँकि, अभी तक इससे जुड़ी कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है, लेकिन यह पाया गया है कि वायरस दिमाग पर हमला करने में सक्षम है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह शोध अच्छा रिजल्ट सामने ला होगा।
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