अगर आप ‘एगेटेरियन’ (एगेटेरियन) हैं और दिल्ली में रहते हैं तो एक दुकान का नाम तो आपने सुना ही होगा। चिंता मत करिए अगर नहीं सुना तो हम उसके बारे में आपको आज बताने जा रहे हैं। वैसे तो दिल्ली के हर इलाके में एक अपना खास ऑमलेट बनाने वाला होता है पर जब नार्थ दिल्ली के अशोक नगर में राहुल एग कार्नर की बात आती है तो किस्सा ही कुछ अलग हो जाता है।
350 तरह के अंडे
वैसे तो अंडा एक ही तरह का होता है लेकिन इससे रेसेपी कई तरह की बनती हैं। आप जानकर चौंक जाएंगे कि राहुल एक कार्नर पर 350 तरह के ऑमलेट बनाए जाते हैं। वह भी एक से एक। कोई तंदूरी जालंधरी ऑमलेट (ओमेलेट) खाता है तो कोई फैट-फ्री वाला है। लेकिन, यहां खाने वालों की कतारें हमेशा लगी रहती हैं।
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क्या कहते हैं ‘एगेटेरियन’
पूर्णिमा वैसे तो नॉनवेज नहीं खाती हैं लेकिन पिछले कुछ वर्षों से वे अंडा खा रहे हैं। एक पीएसयू में काम करने वाली पूर्णिमा का कहना है कि ऑफिस के चक्कर में उनका ब्रेक रोज चमक रहा था। कोई लगातार चलने वाला विकल्प नहीं मिल रहा था। फिर, किसी ने अंडे की सलाह दी और फिर से उन्हें उनके हिसाब का विकल्प मिला। राहुल एग कार्नर पर वो हर वीकेंड को जाते हैं। उन्हें तंदूरी ऑमलेट काफी पसंद है।
‘एगेटेरियन’ (एगेटेरियन)
मूलतः में भाग लेने की इस ज़िंदगी में हमारे पास खाने का सबसे कम वक्त होता है। ऐसे में शरीर में बहुत सारे पॉस्क तत्व हम पूरा नहीं कर पाते हैं। इसी समस्या से बचने के लिए बहुत सारे ऐसे लोग जो नॉनवेज तो नहीं खाते पर अंडे का सेवन जरूर करते हैं। और, अगर कोई अंडा खाए और ऑमलेट न खाए यह कम ही होता है। झटपट से बन जाने वाली एक डिश जो पोषक तत्वों से भरपूर होती है।
किस्सा कहानी
अंडा अपने आप में एक गजब का खाना है। उबला, हाफ फ्राई, ऑमलेट, एग करी, पकौड़े और बहुत कुछ बनता है यह एक अंडे से है। बताया जाता है कि नेपोलियन बोनापार्ट जब फ्रांस के पास पहुंचा था तब उसने पहली बार ऑमलेट की शुरूआत की थी। साथ ही यह भी कहा जाता है कि फ्रांस में ही ऑमलेट सबसे पहले बनना शुरू हुआ था। सेना में भी यह काफी पसंदीदा नाश्ता हो गया था। इसके कई पोषक गुण भी होते हैं।
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